Haryana : समस्त मानव जाति का मार्गदर्शन कर रही श्री गुरु नानक देव जी का जीवन और शिक्षाएं: देवेन्द्र सिंह बबली
- By Krishna --
- Monday, 27 Nov, 2023
Life and teachings of Sri Guru Nanak Dev Ji are guiding the entire mankind
Life and teachings of Sri Guru Nanak Dev Ji are guiding the entire mankind: चंडीगढ़। हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेन्द्र सिंह बबली ने प्रदेश वासियों को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि गुरुओं के वचन जनकल्याण के लिए हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम गुरु के पद चिन्हों पर चलकर समाज के उत्थान के लिए मिलकर कार्य करें। विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेंद्र सिंह बबली ने सोमवार को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर टोहाना में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए मत्था टेका और साध - संगत के साथ बैठक कर लंगर ग्रहण किया। कैबिनेट मंत्री ने गुरु नानक संगत सभा गुरुद्वारा तूर नगर टोहाना, बाबा बंदा बहादुर गुरुद्वारा रामनगर टोहाना, हरि ज्ञान मंदिर गुरुद्वारा नया बाजार टोहाना, गुरु घर बुवान एवं गुरु घर गांव जमालपुर सहित विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत की।
विकास एवं पंचायत मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि धार्मिक आयोजन का होना समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के आयोजनों से आपसी भाईचारा बढ़ता है और मनुष्य बुराइयों से ऊपर उठकर समाज कल्याण के लिए कार्य करता है। हम सबको गुरुओं के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। सिख समाज हमेशा से ही सामाजिक कार्यों में आगे बढ़ - चढ़ कर भाग लेता आया है। प्रशासन द्वारा चलाए गए विभिन्न अभियानों में भी सिख समाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु थे। उनका जीवन और शिक्षाएं न केवल धर्म विशेष के लिए बल्कि पूरी मानव जाति को सही दिशा दिखाती है। इसलिए उनके जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है। श्री बबली ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन 1469 ई. में हुआ था। श्री गुरु नानक देव जी ने एक निराकार ईश्वर की उपासना का संदेश दिया था। उन्होंने तात्कालिक समाज की बुराइयों और कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। इस शुभ अवसर पर हर व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करना चाहिए।
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